MDPH Continues To Combat Counterfeiting With Another Raid
March 8, 2022MDPH At Asia’s Largest Gift & Handicraft Exhibition- IHGF Delhi
April 23, 2022पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
हनुमान जयंती एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो चैत्र माह में मनाई जाती है। चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था। जिसके अवसर पर सभी विधि विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करी जाती है। इस पावन त्यौहार पर व्रत भी रखा जाता है और पूरे दिन नमक का सेवन नहीं करके, फल का सेवन करते हैं। हनुमान जंयती का पर्व पूरे देश में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है और सभी बाधाओं-विघ्न का अंत होता है।
हनुमान जयंती का पूर्ण लाभ लेने के लिए ऐसे करें पूजा:
१. प्रातः काल शुद्ध जल से स्नान करने के बाद पीले या लाल रंग के कपड़े पहन कर पूजा के लिए तैयार होएं।
२. हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना करें।
३. सूती आसान पर बैठकर हाथ में चावल व फूल लें और इस मंत्र से ध्यान करें-
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यं।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
ऊँ हनुमते नम: ध्यानार्थे पुष्पाणि सर्मपयामि।।
४. अब चावल व फूल हनुमानजी को अर्पित कर दें। अब इस मंत्र से हनुमानजी को आसन अर्पित करें-
तप्तकांचनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम्।
अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम्।।
५. हनुमान जी की मूर्ति को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान करवाएं। पुन: शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
६. शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।
देहालकरणं वस्त्रमत: शांति प्रयच्छ मे।।
ऊँ हनुमते नम:, वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।
मंत्र का जाप कर हनुमान जी को वस्त्र अर्पित करें।
७. हनुमान जी को सिन्दूर, चांदी का वर्क अबीर, चन्दन, गुलाल और चावल चढ़ाएं।
८. केले या पान के पत्ते के ऊपर प्रसाद रखें और हनुमानजी को अर्पित कर दें। लौंग-इलाइचीयुक्त पान चढ़ाएं।
९. एक थाली में कपूर एवं घी का दीपक जलाकर हनुमानजी की आरती करें। पूजा करते समय ‘ॐ श्री हनुमंते नम:’ का जाप करें।
१०. आरती के बाद सभी को प्रसाद बाटें।
हनुमान जी को क्यों कहा जाता है पवनपुत्र?
पुत्र की कामना में अंजना ने सभी तप पूर्ण श्रद्धा से किये। वायु देव प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन देकर आशीष दिया कि उनका ही रूप उनके पुत्र के रूप में अवतरित होगा। इस तरह मां अंजना ने हनुमान जी के रूप में महाशक्तिशाली पुत्र को जन्म दिया और उन्हें पवनपुत्र, केसरीनंदन आदि नामों से जाना जाता है।
भगवान राम के प्रति भगवान हनुमान की भक्ति
जब भगवान राम 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस आए तो उनका अयोध्या के राजा के रूप में राज्याभिषेक किया गया। उसी के उपलक्ष्य में, गहने और उपहार दिए गए। सीता मैय्या ने भगवान हनुमान को कीमती हीरे से बना एक हार दिया परन्तु हनुमान जी ने उसे तोड़ दिया। लोग हैरान रह गए और इसका कारण पूछा। हनुमान जी ने उन्हें बताया कि किसी भी हीरे में भगवान राम की छवि नहीं है और इसलिए वह उनके काम का नहीं हैं। यह सुनकर लोगों ने उनसे सवाल किया कि क्या उनके शरीर में भगवान राम की एक छवि खुदी हुई है? अपनी बात को सिद्ध करने के लिए हनुमान जी ने अपना सीना फाड़ दिया और अपना हृदय प्रकट कर दिया। इसमें, देखने वालों को भगवान राम और देवी सीता की छवि देखने को मिली। इसने उन्हें उस सर्वोच्च भक्ति के बारे में आश्वस्त किया जो भगवान हनुमान की भगवान राम के लिए थी।
हनुमान जी के पास अपारशक्तियों का वास है। जानिए हनुमान जी को मिले हैं कौन-कौन से वरदान:
१. सूर्य देवता ने बजरंग बली हनुमान को अपने तेज का १००वां अंश का वरदान दिया है जिसके स्वरुप हनुमान जी सबसे अच्छे वक्ता हैं और उनके पास सबसे श्रेष्ट शास्त्रज्ञान का वरदान है।
२. यम ने हनुमान जी को वरदान दिया है जिससे वह सदैव यम के दंड के प्रकोप से बचे रहेंगें।
३. कुबेर के वरदान स्वरुप हनुमान जी को कोई भी युद्ध में पराजित नहीं कर सकता है।
४. भगवान शंकर से मिला कभी भी किसी भी शस्त्र से न मरने का वरदान।
५. ब्रह्मा से मिला दीर्घायु होने का वरदान अथार्त हनुमान जी कहीं भी अपने इच्छानुसार रूप धारण करके जा सकते हैं।
हनुमान जी का वरदान पाने के लिए आइए मिलकर हम सब उनका स्मरण करें। ज़ेड ब्लैक प्रार्थना करता है कि बजरंग बली हनुमान की कृपा हम सभी पर बनी रहे। हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।