Zed Black launches Incense Sticks made from recycled Temple flowers in association with Help Us Green
December 28, 2020भारतीय संस्कृती में हवन का हमेशा से महत्व रहा है। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों द्वारा यज्ञ करके वातावरण शुद्ध की जाने की प्रथा है। हवन का उतना ही महत्व आज भी हमारी संस्कृती में है, इसीलिए शुभ अवसरों पर इसका आयोजन किया जाता है। हवन को होम या यज्ञ भी कहा जाता है। होम का संस्कृत में मूल रूप ‘हो’ है जिसका अर्थ होता है ‘ आहुति देना ‘ और यज्ञ का अर्थ होता है ‘पूजा करना’| माना जाता है की इस पृथ्वी पर सब कुछ पांच तत्वों से बना है- जल, वायु, अग्नि, भूमि और आकाश; हवन करते हुए हम अग्नि में इन्ही पांच तत्वों से बनी हवन सामग्री की आहुति देते है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और स्वास्थ्य बेहतर होता है।
हवन के लाभ :
- 01. वातावरण और देह में नविन ऊर्जा का संचार होता है।
- 02. हमारे शरीर में शांति और प्रसन्नता की मात्रा को बढ़ता है।
- 03. यज्ञ की अग्नि घर के वातावरण को शुद्ध करती है।
- 04. धरती उपजाऊ बनती है।
- 05. यज्ञ से प्रदुषण कम होता है।
- 06. बीमारी फ़ैलाने वाले सुक्ष्म जीवों को नष्ट करता है।
- 07. असाध्य रोग दूर होते है।
- 08. सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करने पर बेहद फायदेमंद होता है।
हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री, हवन सामग्री कहलाती है। इसमें समिधा, होम द्रव्य, सुगन्धित सामग्री, पुष्टिकारक सामग्री, मिष्ट सामग्री और रोग नाशक सामग्री होती है। जब इन सब के साथ हवन किया जाता है तो हवन कुंड से उठने वाला धुआं औषधि कारक होता है।
समिधा के लिए ज़्यादातर आम की लकड़ी का प्रयोग होता है। पूरी तरह सूख चुकी आम की लकड़ी को जब हवन में समिधा के तौर पर जलाया जाता है तो उसमे से ऐसी गैसेस निकलती है जो आस पास के सुक्ष्म जीवों को नष्ट करती है और इसका असर 10 दिन तक रहता है। हवन में समिधा के तौर पर पलाश, पीपल, गलूर, मदार आदी औषधिय गुणों की लकड़ियों का प्रयोग भी किया जाता है।
होम द्रव्य का प्रयोग अग्नि को तीव्र करने के लिए होता है। घी का उपयोग होम द्रव्य में किया जाता है।
सुगन्धित सामग्री का प्रयोग मन को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसकी सुगंध से मन शांत और चित्त प्रसन्न होता है। केसर, चन्दन, जायफल, कपूर इत्यादि सुगन्धित सामग्री के तौर पर प्रयोग किये जाते है।
पुष्टिकारक सामग्री के तौर पर गुग्गल, सूखे फल, नारियल, इत्यादि का उपयोग होता है। इस सामग्री के प्रयोग से हवन की राख बेहतर होती है और धरती को उपजाऊ बनाने में मदद करती है।
रोग नाशक सामग्री जैसे गिलोय, ब्राह्मी, तुलसी, इंद्रा जौ, आंवला, सफ़ेद चन्दन, इत्यादि का हवन में प्रयोग करने से हवन से उठने वाला धुआँ औषधीय गुणों से लिप्त होता है और रोगों को दूर करने में मदद करता है। हवन में शामिल होने से शरीर शुद्ध होता है और रोग फ़ैलाने वाले कीटाणु खत्म होते है।
आज के भाग दौड़ वाले जीवन में हमने हवन को सिर्फ परंपरागत रूप में जिवंत रखा है ऐसे में सही और सारी हवन सामग्री जुटा पाना हमारे लिए मुश्किल होता है। इसी की सहूलियत के लिए ज़ेड ब्लैक आपको ये सभी नेचुरल हवन सामग्री पैकेट्स में उपलब्ध कराते है जो एक शुद्ध, शांत और प्रसन्न वातावरण बनाने में आपका सहयोग करती है।