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December 28, 2020मकर संक्रांति, धनु से मकर राशि में होने वाले सूर्य के संक्रमण के रूप में मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव है । इस दिन लोग सूर्य भगवान की पूजा करते हैं और इलाहाबाद में यमुना, सरस्वती और गंगा नदियों के संगम पर पवित्र स्नान करते हैं । इस दिन कुछ पारंपरिक मिठाइयों के साथ चावल, गुड़ और तिल के विभिन्न व्यंजन बनाए जाते हैं । इस दिन पतंग उड़ाना एक अनुष्ठान की तरह है क्योंकि लोगों का मानना है कि पतंग के माध्यम से, उनकी इच्छाएं देवताओं तक पहुंचती हैं ।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर तिल का उबटन कर स्नान किया जाता है । सुहागन महिलाएं सुहाग की सामग्री का आदान-प्रदान भी करती हैं । ऐसा माना जाता है कि इससे उनके पति की आयु लंबी होती है । ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं ।
भारतीयों का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों, शहरों और गांवों में वहां की परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है | इसी दिन से अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी के किनारे माघ मेला या गंगास्नान का आयोजन किया जाता है | कुंभ के पहले स्नान की शुरुआत भी इसी दिन से होती है | मकर संक्रांति त्योहार विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है |
उत्तरप्रदेश : मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है, सूर्य की पूजा की जाती है, चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है |
गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है, पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है |
आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है |
तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है, घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है |
महाराष्ट्र : लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक-दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं |
पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है |
असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है |
पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है | धूमधाम के साथ समारोह का आयोजन किया जाता है |
मकर संक्रांति क्या है ?
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं | एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है | वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं | मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान, दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है |