
प्राचीन काल में वातावरण कितना शुद्ध और बीमारी मुक्त हुआ करता था। जिसका एक कारण हवन भी था। हवन करने से न केवल घर की शुद्धि होती है साथ ही साथ वातावरण में भी शुद्धि रहती है। हवन आज भी कई जगह प्रचलित है और इसे बढ़ावा देने हेतु तैयार हवन सामग्री बाजारों में उपलब्ध है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग फिर से इस परम्परा से जुड़े और सकारात्मक्ता का संचार करे। यह दूसरों के लिए तो करने वाला सबसे अच्छा कर्म है ही पर स्वयं के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। हिन्दू धर्म में हवन करने का रिवाज़ है जो कई उत्सवों में किया जाता है जैसे नवरात्री, यह माना जाता है की नवरात्री के दिनों में दिव्य शक्तियों का घर में वास होता है। हवन हर छोटे- बड़े कार्य के पहले किया जाता है ताकि जो भी कार्य पूर्ण हो सफलता पूर्वक हो।
हवन के लाभ-
- भारतीय परम्पराओं में हवन को शुद्धीकरण का एक कर्मकांड माना गया है।
- हवन के धुंए के सामने कुछ देर बैठने से जानलेवा रोग फैलाने वाले जीवाणु खत्म हो जाते है। जिस से आपका
शरीर रोग मुक्त हो जाता है। - हवन में आम की लकड़ी जलने पर धुंए के रूप में जो गैस उत्पन्न होती है उसकी वजह से वातावरण में मौजूद
खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणु भी समाप्त हो जाते है। - ऐसा माना जाता है कि घी की आहुति देने से उम्र बढ़ जाती है।
- हवन होने वाले स्थानों पर बुरी शक्तियाँ प्रभावहीन हो जाती हैं।
- हिन्दू धर्म का प्रत्येक शुभ कार्य हवन के साथ ही प्रारम्भ होता है।
- ऐसी मान्यता है कि हवन करने से हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं।
- हवन का धुआँ वातावरण में लगभग एक महीने तक रहता है जिसकी वजह से खेतों में मौजूद कीटाणु भी
नष्ट हो जाते हैं। - हिन्दू धर्म का प्रत्येक शुभ कार्य हवन के साथ ही प्रारम्भ होता है।
- ऐसी मान्यता है कि हवन करने से हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं।
- हवन का धुआँ वातावरण में लगभग एक महीने तक रहता है जिसकी वजह से खेतों में मौजूद कीटाणु भी
नष्ट हो जाते हैं। - आज भी कई लोग वर्षा कराने के लिए हवन का सहारा लेते हैं।
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